आज मैं आपको कृष्ण जन्माष्टमी पर निबंध बताऊंगा और यह भी बताऊंगा कृष्ण जन्माष्टमी क्यों मनाया जाता है और कृष्ण भगवान कौन हैं तो चलिए अब हम कृष्ण जन्माष्टमी पर निबंध विस्तार रूप से पढ़ते हैं।

विषय सूची
कृष्ण जन्माष्टमी पर निबंध
प्रस्तावना
हिंदू धर्म में बहुत सारे पर्व मनाए जाते हैं उनमें से कृष्ण जन्माष्टमी भी एक बहुत बड़ा पर्व है यह पर्व श्री कृष्ण भगवान के जन्म की खुशी में मनाया जाता है यह पर्व केवल भारत में ही नहीं बल्कि भारत से दूर रहने वाले हिंदू धर्म के लोग पूरी श्रद्धा से कृष्ण जन्माष्टमी मनाते हैं।
श्री कृष्ण भगवान
श्री कृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था कृष्ण भगवान देवकी की आठवीं संतान थे, देवकी के 6 संतानों को कंश ने मार दिया। देवकी कंस की बहन थी और जब देवकी के शादी के बाद आकाशवाणी हुई की कंस की मौत देवकी के ही संतान से होगी इसीलिए कंस ने अपने बहन के ही बच्चों को जान से मारने लगा।
लेकिन कृष्ण भगवान के जन्म के दिन कंस ने कृष्ण भगवान को नहीं मार सका क्योंकि कृष्ण भगवान के जन्म के रात्रि में ही कृष्ण भगवान के पिता वासुदेव ने कृष्णा जी को यशोदा और नंद बाबा के घर छोड़ आए थे इससे कृष्ण भगवान की जान बच गई।
कृष्ण भगवान का जन्म देवकी ने दिया था लेकिन उनका पालन पोषण यशोदा मैया ने रखा था, कृष्ण भगवान बचपन में बहुत ही नटखट थे वह माखन चुरा चुरा कर खाते थे और गोपियों को परेशान पिया करते थे जब कृष्ण जी की शिकायत यशोदा मैया के पास आती तो यशोदा मैया कृष्ण भगवान को मारने के लिए जैसे ही छड़ी उठाती कृष्ण भगवान तुरंत अपने मैया को मना लेती।
कृष्ण भगवान के भाई बलराम थे और दोस्त सुदामा थे। एक बार इंद्र भगवान बहुत नाराज हो गए और उन्होंने बहुत तेजी से बारिश करना शुरू कर दिया और सभी लोग इधर-उधर भागने लगे तो कृष्ण भगवान ने गोवर्धन पर्वत को अपनी एक उंगली से उठाकर सभी लोगों को उसके नीचे बुला लिया और सभी लोगों की जान बचा ली। इसीलिए इंद्र पूजन के साथ गोवर्धन पूजन भी किया जाता है।
इसी तरह कृष्ण भगवान ने अपने जीवन में बहुत सारे आश्चर्यचकित कार्य किए और उन्होंने आगे चलकर कंस का वध भी किया जैसा कि कंस करो भविष्यवाणी में कहा गया था इसीलिए बुराई पर अच्छाई की जीत की खुशी में और कृष्ण भगवान के जन्म की खुशी में कृष्ण जन्माष्टमी मनाया जाता है।
कृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार
कृष्ण जन्माष्टमी के दिन सभी लोग कृष्ण भगवान जी की पूजा करते हैं और उनका जन्म उत्सव मनाते हैं हमारे गांव में भी जन्म उत्सव मनाया जाता है इस दिन सभी लोग अपना सारा काम छोड़कर कृष्ण भगवान का पंडाल बनाते हैं और उसे अच्छी तरह से सजाते हैं।
और रात 12:00 बजे तक कृष्ण भगवान की भजन की जाती है और 12:00 बजे के बाद कृष्ण भगवान का जयकारा लगाया जाता है और उनकी आरती की जाती है और उसके बाद सभी लोग खुशियां मनाते हैं और फिर प्रसाद वितरण किया जाता है और सभी लोग नाश्ते झूमते हैं फिर इसके बाद सभी लोग अपने अपने घर चले जाते हैं।
निष्कर्ष
कृष्ण भगवान जी का जन्म उत्सव अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग प्रकार से मनाया जाता है यह उत्सव कृष्ण भगवान के जन्म दिन की खुशी में और बुराई पर अच्छाई की जीत की खुशी में भी मनाया जाता है। ( कृष्ण जन्माष्टमी पर निबंध समाप्त)