
कृष्ण जन्माष्टमी एक हिंदू त्योहार है, जो भगवान श्री कृष्ण के जन्म की पूजा के लिए मनाया जाता है। इस पर्व को हर वर्ष माघ के महीने के शुक्ल पक्ष के पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है।
कृष्ण जन्माष्टमी के दिन लोग भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं, उनकी भजनें गाते हैं, और परम्परागत त्यौहारों के तरीके से खुशी और उत्सव मनाते हैं।
हिंदू धर्म के ग्रंथों में विविध विविध रूपों में वर्णित है। मुख्य रूप से, भगवद गीता, भगवद महाभारत, वैष्णव पुराण और बृहदारण्यक पुराण में कृष्ण की कथा वर्णित है।
कृष्ण, भगवान विष्णु के अवतार के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने धर्म के विरोधी शासकों, अपराधी और अन्य दुर्जनों को नाश किया और परेशान वालों की मदद की। उन्होंने परेशानियों से प्रतिबद्ध लोगों की मदद की और धर्म की प्रतिज्ञा की।
कृष्ण जन्माष्टमी एक बहुत ही प्रसिद्ध पर्व है, जो भगवान कृष्ण के पूजन और उत्सव के लिए प्रसिद्ध है। इस पर्व के माहौल में समुदाय में परम्परा, समृद्धि, और सम्पूर्णता का वातावरण होता है
कृष्ण जन्माष्टमी पर हम भगवान कृष्ण के जीवन, उनके प्रतिभागों और उनके दर्शन को समझने की प्रतीक्षा करते हैं। इस पर्व के दौरान, लोग भगवान कृष्ण के मंदिरों में भजन गाने, आरती और पूजा-अर्चन करते हैं।
भगवान कृष्ण के जन्म और जीवन की कहानी हिंदू शास्त्रों जैसे महाभारत, भगवद गीता और पुराणों में बताई गई है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान कृष्ण का जन्म मथुरा में देवकी और वासुदेव के घर हुआ था और उनका पालन-पोषण चरवाहे नंद और उनकी पत्नी यशोदा ने गोकुल में किया था। उन्हें भगवान विष्णु के अवतार के रूप में सम्मानित किया जाता है और उन्हें प्रेम, ज्ञान और सच्चाई का अवतार माना जाता है।
जन्माष्टमी पर, भक्त उपवास रखते हैं, भजन गाते हैं और भगवान कृष्ण से आशीर्वाद लेने के लिए पूजा करते हैं। मंदिरों को खूबसूरती से सजाया जाता है और इस अवसर पर विशेष प्रार्थना की जाती है। भारत के कुछ हिस्सों में, लोग दही-हांडी समारोह में भाग लेते हैं जहां छाछ से भरे मिट्टी के बर्तन को ऊपर लटका दिया जाता है और भगवान कृष्ण के मक्खन चोरी करने के बचपन के मजाक के प्रतीक में युवा पुरुष बर्तन को तोड़ने के लिए मानव पिरामिड बनाते हैं।
जन्माष्टमी लोगों के एक साथ आने और दोस्तों और परिवार के साथ खुशी का अवसर मनाने का समय है। लोग अपने प्रियजनों के साथ साझा करने के लिए विशेष मिठाइयाँ और दावतें तैयार करते हैं। त्योहार प्यार, शांति और एकता का संदेश फैलाता है और करुणा, दया और विनम्रता के मूल्यों को बढ़ावा देता है।
“कृष्ण की कथा” हिंदू धर्म के ग्रंथों में विविध विविध रूपों में वर्णित है। मुख्य रूप से, भगवद गीता, भगवद महाभारत, वैष्णव पुराण और बृहदारण्यक पुराण में कृष्ण की कथा वर्णित है।
कृष्ण, भगवान विष्णु के अवतार के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने धर्म के विरोधी शासकों, अपराधी और अन्य दुर्जनों को नाश किया और परेशान वालों की मदद की। उन्होंने परेशानियों से प्रतिबद्ध लोगों की मदद की और धर्म की प्रतिज्ञा की।
निष्कर्ष:- जन्माष्टमी एक ऐसा त्योहार है जो हिंदू समुदाय के लिए अत्यधिक सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व रखता है। यह प्रेम और सच्चाई के अवतार भगवान कृष्ण के जन्म का जश्न मनाने और सुखी और समृद्ध जीवन के लिए उनका आशीर्वाद लेने का अवसर है।